प्रोफेसर नेयरनिया ने कहा है कि वह अपनी इस सफलता से काफी उत्साहित हैं तथा इसके बाद अब उनका अगला लक्ष्य स्परमैटागोनियल स्तंभ कोशिका विकसित करनी होगी, ताकि प्रयोगशाला में ही शुक्राणु तैयार किया जा सके।
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इसके अलावा स्तंभ कोशिका अनुसंधान और उपचार के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत तैयार किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित करने की प्रक्रिया प्रदान की जा सके कि मानव स्तंभ कोशिकाओं के साथ अनुसंधान एक उत्तरदायी तथा नैतिक दृष्टि से संवेदनशील रूप में किए जाते हैं और इनमें सामान्य रूप से जैव चिकित्सा अनुसंधान एवं विशेष रूप से समकोशिका अनुसंधान से संबंधित सभी विनियामक आवश्यकताओं का पालन किया जाता है।