| 11. | जब पराग कण स्त्रीकेसर पर पहुंचकर बीजांड से मिलते हैं तो निषेचन होकर भ्रूण बनता है ।
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| 12. | पुंज फल एक ही फूल से बनता है, लेकिन कई स्त्रीकेसर (pistil) से मिलकर, जैसा कि शरीफा में।
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| 13. | इस चित्र में stamen (पुंकेसर) पुरुष जनन अंग और pistil (स्त्रीकेसर) मादा जनन अंग हैं ।
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| 14. | इस बीटल के प्रौढ़ कपास की फसल में फूलों की पंखुडियों, पुंकेसर व स्त्रीकेसर को खा कर गुजारा करते हैं।
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| 15. | भ्रूण बढ़ते बढ़ते एक या दो दलवाले बीज बनाता है, परंतु उसके चारों तरफ का भाग अर्थात् अंडाशय, तथा स्त्रीकेसर (
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| 16. | युग्मनज़ अब बीज में परिवर्तित होने लगता है और स्त्रीकेसर का अंडाशय (ovary) फल में बदलने लगती है ।
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| 17. | यह उभयलिंगी होते हैं, अर्थात कुछ में पुंकेसर व स्त्रीकेसर, दोनों होते हैं और कुछ में सिर्फ़ पुंकेसर होते हैं।
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| 18. | उच्च श्रेणी के अनेक पौधों में एक ही फूल में स्त्रीकेसर (pistils) तथा पुंकेसर (stamens) समीपस्थ होते हैं ताकि गर्भाधान में सरलता हो।
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| 19. | एक सामूहिक स्त्रीकेसर में केवल दो कार्पेल हो सकते हैं, या फिर उपर दिए गए मोनोकोट और डाईकोट के सामान्यीकरण से सम्बंधित न हों.
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| 20. | एक सामूहिक स्त्रीकेसर में केवल दो कार्पेल हो सकते हैं, या फिर उपर दिए गए मोनोकोट और डाईकोट के सामान्यीकरण से सम्बंधित न हों.
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