जब मैंने उसे रोते देखा तो यह मानना मुश्किल हो गया कि यह वही आदमी है! बिलकुल स्त्री जैसा व्यवहार करने लगा।
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इससे भी बड़ी चीज कि परंपरित समाजों में स्त्री जैसा जीवन व्यतीत करती है, उसमें केवल दूसरों द्वारा चुनी हुई परिस्थितियों में जीवन का चुनाव होता है।
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इससे भी बड़ी चीज कि परंपरित समाजों में स्त्री जैसा जीवन व्यतीत करती है, उसमें केवल दूसरों द्वारा चुनी हुई परिस्थितियों में जीवन का चुनाव होता है।
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आप पर एकदम से हमला हो जाए, घर में आग लग जाए, तो आप कितने ही बहादुर व्यक्ति हों, एक क्षण में अचानक आप पाएँगे, आप स्त्री जैसा व्यवहार कर रहे हैं।
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भारतियों को सावधान रहने की जरूरत है, दिल्ली की महिला चाहे वो कहीं से आयी हो, भारत के किसी अन्य स्त्री जैसा कत्तई नहीं है इसलिए उसके लिय अधिक आवेशित ना हों.
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आखिर यह मानव स्वयं ही स्त्री को पैदा करता है तो उसे स्त्री जैसा संजो कर रख क्यों नहीं सकता? आखिर स्त्री को पुरुष के जैसा ही दिखाने की ड्रामेबाजी का मतलब क्या है?
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आप पर एकदम से हमला हो जाए, घर में आग लग जाए, तो आप कितने ही बहादुर व्यक्ति हों, एक क्षण में अचानक आप पाएँगे, आप स्त्री जैसा व्यवहार कर रहे हैं।
18.
और अगर समान बनाने की चेष्टा की गयी, तो जितने स्त्री-पुरुष समान होते जाएंगे उतना ही स्त्री पुरुष जैसी हो जाएगी, पुरुष स्त्री जैसा हो जाएगा ; उन दोनों के बीच का आकर्षण खो जाएगा।
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बिज्जी जैसी पारदर्शी आंख ही किसी सियारिन के भीतर दुनिया की सुंदरतम स्त्री जैसा गुरूर देख सकती है और किसी सियार में एक ऐसे गर्वीले प्रेमी का अभिमान जो सूरज और चांद से लड़ने को तैयार हो जाए.
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बिज्जी जैसी पारदर्शी आंख ही किसी सियारिन के भीतर दुनिया की सुंदरतम स्त्री जैसा गुरूर देख सकती है और किसी सियार में एक ऐसे गर्वीले प्रेमी का अभिमान जो सूरज और चांद से लड़ने को तैयार हो जा ए.