19 वीं और 20 वीं शताब्दी में तपेदिक शहरी गरीबों के स्थानिक रोग के रूप में सबसे व्यापक सार्वजनिक चिंता का कारण बना था।
12.
खसरा एक स्थानिक रोग है, जिसका अर्थ है कि यह एक समुदाय में लगातार मौजूद किया गया है, और कई लोगों के प्रतिरोध विकसित.
13.
19 वीं और 20 वीं शताब्दी में तपेदिक शहरी गरीबों के स्थानिक रोग के रूप में सबसे व्यापक सार्वजनिक चिंता का कारण बना था।
14.
यह वास्तव में स्थानिक रोग है, किंतु जीवाणु द्वारा उत्पन्न हुए जीवविष के शरीर में व्याप्त होने से रुधिर विषाक्तता (Toxemia) के लक्षण प्रकट हो जाते हैं।
15.
खसरा एक स्थानिक रोग है, जिसका अर्थ है कि यह एक समुदाय में लगातार मौजूद रहता है और अधिकतर लोग इससे प्रतिरोध की क्षमता का विकास कर लेते हैं.
16.
खसरा एक स्थानिक रोग है, जिसका अर्थ है कि यह एक समुदाय में लगातार मौजूद रहता है और अधिकतर लोग इससे प्रतिरोध की क्षमता का विकास कर लेते हैं.
17.
तपेदिक ट्यूबरक्यूलोसिस या क्षयरोग कन्सम्प्शन जैसा कि यह सामान्यतः जाना जाता था १९वीं और २०वींशताब्दी में शहरी गरीब के एक स्थानिक रोग के रूप में सबसे अधिक विश्वव्यापी जनचिंता का कारण बना।