डादृ फ्रायड के अनुसार इन लोगों में बचपन से कामविकृति रहती है, जो घर के स्नेहहीन वातावरण और समलिंगी प्रेम की वृद्धि तथा उसके बाद के दमन के कारण उत्पन्न होती है।
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डादृ फ्रायड के अनुसार इन लोगों में बचपन से कामविकृति रहती है, जो घर के स्नेहहीन वातावरण और समलिंगी प्रेम की वृद्धि तथा उसके बाद के दमन के कारण उत्पन्न होती है।
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हमारे और ब्राह्मण के संबंध स्नेहहीन न बनें, ये संबंध टूट न जाए इसलिए ब्राह्मण के यहाँ जाकर तिल के लड्डू द्वारा अपने मन की स्निग्धता और हमारे हृदय की मिठास देना, पुराना स्नेह फिर से पुुनर्जीवित करना और हमारे कल्याण के लिए हमारे जीवन में उसका स्थान बनाए रखना, यह वह भाव है।