ऐसा मरीज जो पहले स्पूटम पाजीटिव था और अपना इलाज पूरा कर लेता था एवं बाद में कम से कम दो बार स्पूटम नेगेटिव (जिसमें से एक स्पूटन परीक्षण उपचार समाप्ति पर किया गया तो) निकलता है।
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ऐसा मरीज जो पहले स्पूटम पाजीटिव था और अपना इलाज पूरा कर लेता था एवं बाद में कम से कम दो बार स्पूटम नेगेटिव (जिसमें से एक स्पूटन परीक्षण उपचार समाप्ति पर किया गया तो) निकलता है।
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लेकिन किन्ही विशेष परिस्थितियों में डॉटस की केटेगरी प्रथम के चौथे व केटेगरी दो के पांचवें माह तक इलाज लेने के बाद भी मरीज का स्पूटम पॉजीटिव आता है, तो ऐसे मरीज के लिए केटेगरी चार तैयार की गई है।
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कितने स्पूटम पाजीटिव मरीजों को चिकित्सा पर रखा गया एवं उसमें से कितने मरीज रोग मुक्त हुए, इसके अनुपात को क्योरेट कहते हैं, अगर इलाज तो रहे स्पूटम पाजीटिव 100 मरीजों में से 85 मरीज रोगमुक्त घोषित किए गए तो क्योर रेट 85 प्रतिशत होगा।
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कितने स्पूटम पाजीटिव मरीजों को चिकित्सा पर रखा गया एवं उसमें से कितने मरीज रोग मुक्त हुए, इसके अनुपात को क्योरेट कहते हैं, अगर इलाज तो रहे स्पूटम पाजीटिव 100 मरीजों में से 85 मरीज रोगमुक्त घोषित किए गए तो क्योर रेट 85 प्रतिशत होगा।
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संगठनों ने आंध्र प्रदेश में स्ट्रेपटोमाइसिन सुई, बाल टीबी और दवा-प्रतिरोधक टीबी की दवाओं की कमी, टीबी की जांच के लिए स्पूटम कप और अन्य सामाग्री की कमी, और टीबी जांच केन्द्रों में सभी माइक्रोस्कोप का नहीं चलने जैसी समस्याओं का उल्लेख किया।
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सीएनएस की शोभा शुक्ला ने बताया कि जीन एक्सपर्ट से पहले टीबी स्पूटम पॉज़िटिव लोगों की जांच तो एलपीए से 3-7 दिन के भीतर हो सकती थी परंतु टीबी स्पूटम नेगेटिव लोगों की जांच के लिए कल्चर टेस्ट करने पड़ते थे जिसकी रिपोर्ट 2-3 माह (सॉलिड कल्चर) या 2-3 हफ्ते (लिकुइड कल्चर) में आती थी।
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सीएनएस की शोभा शुक्ला ने बताया कि जीन एक्सपर्ट से पहले टीबी स्पूटम पॉज़िटिव लोगों की जांच तो एलपीए से 3-7 दिन के भीतर हो सकती थी परंतु टीबी स्पूटम नेगेटिव लोगों की जांच के लिए कल्चर टेस्ट करने पड़ते थे जिसकी रिपोर्ट 2-3 माह (सॉलिड कल्चर) या 2-3 हफ्ते (लिकुइड कल्चर) में आती थी।