फिल्म अपनी समाप्ति की ओर बढ़ती है, संजय अभी भी अपनी स्मृति-लोप की बीमारी से ग्रसित एक अनाथालय में स्वंयसेवक के रूप में काम कर रहा है.सुनीता उसे एक छोटा-सा उपहार देती है जो कि प्लास्टर के पट्ट पर संजय और कल्पना के दबे क़दमों के निशान हैं जब उनदोनों ने एक नए अपार्टमेन्ट में प्रवेश किया था-कल्पना के साथ उसके अन्तरंग साहचर्य की याद ताजा करने के लिए ही वह ऐसा करती है.