| 11. | जेहिं जय होइ सो स्यंदन आना
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| 12. | जेहि जय होई सो स्यंदन आना
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| 13. | जेहिं जय होइ सो स्यंदन आना।।
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| 14. | साँस होती अस्थिर प्रपंच पे सवार होती, जीवन का स्यंदन कहीं भी नहीं टिकता।
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| 15. | मौजूदा पारंपरिक स्यंदन तकनीकी से इस प्रदूषण को दूर नहीं किया जा सकता है।
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| 16. | हे स्यंदन के सारथि अब उसी जगह को चलना होगा, अर्जुन मुझको बनना होगा ।
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| 17. | अर्थात कृपानिधान श्रीराम ने कहा-हे सखा सुनो, जिससे जय होती है वह स्यंदन (रथ) दूसरा ही है।
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| 18. | यदि वर्षा तेजी से होती है तो इससे भूमि पर अंतः स्यंदन की प्रक्रिया हो कर अपवाह हो जाता है ।
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| 19. | राम ने सस्नेह कहा, विभीषण जिस रथ (स्यंदन) पर विजय होगी, वो रथ मेरे पास है.
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| 20. | यदि वर्षा तेजी से होती है तो इससे भूमि पर अंतः स्यंदन की प्रक्रिया हो कर अपवाह हो जाता है ।
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