धुएँ में गुलिस्ताँ ये बर्बाद हो रहा है इक रंग स्याह काला ईजाद हो रहा है धुएँ में गुलिस्ताँ ये बर्बाद हो रहा है इक रंग स्याह काला ईजाद हो रहा है
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धुएँ में गुलिस्ताँ ये बर्बाद हो रहा है इक रंग स्याह काला ईजाद हो रहा है धुएँ में गुलिस्ताँ ये बर्बाद हो रहा है इक रंग स्याह काला ईजाद हो रहा है
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मेट्रो आगे जा रही तो और उसका मन पीछे जाने लगा. के अचानक मोटी की गाली निकली, बदन चिमनी बन गया, भीतरी सतहों से स्याह काला धुंआ उठा तो अचानक बोल उठा-आग से नाता, नारी से रिश्ता काहे मन समझ ना पाया!
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वो अपनी मौत पल दर पल अपने घर वालो की आँखों में रोज़ देखती है, उसके बाल झड़ने शुरू हो गए है, वजन मात्र ३ ८ किलो रह गया है और रंग एक दम स्याह काला हो चुका है, एक हँसता खेलता परिवार एक दिमागी तौर पर बीमार इंसान की वजह से तबाह हो गया है.