इस भांति पत्तियों के बीच का छिद्र एक सेंकड में उतनी बार खुलता और बंद होता है जितनी स्वरित्र आवृत्तिसंख्या होती है।
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इस भांति पत्तियों के बीच का छिद्र एक सेंकड में उतनी बार खुलता और बंद होता है जितनी स्वरित्र आवृत्तिसंख्या होती है।
13.
यदि चक्र के वृत्त पर स छिद्र हैं और चक्र एक सेकंड में म परिभ्रमण करता है तो स्वरित्र की आवृत्तिसंख्या स ' म होती है।
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यदि चक्र के वृत्त पर स छिद्र हैं और चक्र एक सेकंड में म परिभ्रमण करता है तो स्वरित्र की आवृत्तिसंख्या स ' म होती है।
15.
यह तभी संभव होता है जब स्वरित्र के दोलनकाल में आवृत्तिदर्शी का एक छिद्र निकटवर्ती दूसरे छिद्र के स्थान पर घूमकर आ जाता है।
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यह तभी संभव होता है जब स्वरित्र के दोलनकाल में आवृत्तिदर्शी का एक छिद्र निकटवर्ती दूसरे छिद्र के स्थान पर घूमकर आ जाता है।
17.
इस दूरदर्शी और आवृत्तिदर्शी के बीच विद्युतस्वरित्र स्व क्षैतिज स्थिति में रखा जाता है जिसमें स्वरित्र की दोनों भुजाओं में ऐल्यूमीनयिम की एक एक पत्ती लगा दी जाती है।
18.
इस दूरदर्शी और आवृत्तिदर्शी के बीच विद्युतस्वरित्र स्व क्षैतिज स्थिति में रखा जाता है जिसमें स्वरित्र की दोनों भुजाओं में ऐल्यूमीनयिम की एक एक पत्ती लगा दी जाती है।
19.
36 प्रतिशत निकल का, इस्पात, जो “इनवार” नाम से प्रसिद्ध है, अपने अति निम्न-प्रसार-गुणांक के कारण यथार्थदर्शी घड़ियों, स्वरित्र (टयूनिंग फ़ोर्क) तथा बहुत से वैज्ञानिक उपकरण बनाने में उपयुक्त होता है।
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36 प्रतिशत निकल का, इस्पात, जो “इनवार” नाम से प्रसिद्ध है, अपने अति निम्न-प्रसार-गुणांक के कारण यथार्थदर्शी घड़ियों, स्वरित्र (टयूनिंग फ़ोर्क) तथा बहुत से वैज्ञानिक उपकरण बनाने में उपयुक्त होता है।