फिर से, बैंड ने अधिक स्वर माधुर्य और गिटार एकल प्रदर्शनों के साथ प्रयोग किया, हालांकि, उनके एलबम्स के अंदर गीतों के समानता के लिए समीक्षकों द्वारा बार बार बैंड की बदनामी भी की गयी गई है.
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फिर से, बैंड ने अधिक स्वर माधुर्य और गिटार एकल प्रदर्शनों के साथ प्रयोग किया, हालांकि, उनके एलबम्स के अंदर गीतों के समानता के लिए समीक्षकों द्वारा बार बार बैंड की बदनामी भी की गयी गई है.
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‘‘ इसी प्रकार जब मधुशाला के पदों में बच्चन अपने स्वर माधुर्य को छलकाते हैं तो यह केवल स्वर का ही जादू नहीं, बल्कि उसमें निहित चुम्बकीयता होती है जो पाठक के मन को इतनी गहराई से बांध लेती है।