आँख का विभ्रम दृष्टिभ्रम तो आम बात है किन्तु कान, नाक, स्वादेन्द्रिय और स्पर्शेन्द्रिय का विभ्रम भी होता है।
12.
विद्यार्थी सहमत होते कि विवशता में वे अपनी घ्राणेन्द्रिय का और फिर स्वादेन्द्रिय को परित्याग करने का प्रस्तुत हो जायेंगे।
13.
यदि स्वादेन्द्रिय पर काबू रखा जाता, तो अनावश्यक अभक्ष्य खाने की ललक न उठती और पेट के संतुलित बने रहने पर पाचन-तंत्र मे कोई व्यतिक्रम खड़ा न होता ।।
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जननेन्द्रिय और स्वादेन्द्रिय पर काबू पाने की कोशिश मे मुझे अनेक कठिनाइयो का सामना करना पड़ा है और आज भी मै यह दावा नही कर सकता कि मैने दोनो पर पूरी जय प्राप्त कर ली है ।
15.
उपवास की समाप्ति पर क्या खायेगे, इसके विचारो का स्वाद लेते रहते हैं, और फिर शिकायत करते हैं कि न स्वादेन्द्रिय का सयम सधा और न जननेन्द्रिय का! उपवास की सच्ची उपयोगिता वहीँ होती हैं जहाँ मनुष्य का मन भी देह-दमन मे साथ देता है ।