अधिकांश तौर पर व्यक्ति गुटखा को मुंह में ही रखता है और जीभ पर पायी जाने वाली (टेस्ट बड्स) स्वाद कलिकाएं तम्बाकू व उसमें मिले रसायन को मस्तिष्क तक पहुंचाती हैं और व्यक्ति को आनन्द मिलता रहता है।
12.
ईश्वर ने जिस प्रकार जीभ के अगले हिस्से पर स्वाद के लिये कुछ छोटे-छोटे दानेनुमा रचनाएं स्वाद के लिये बनाई हैं जिन्हें भाई ने बताया कि आयुर्वेद में स्वाद कलिकाएं कहते हैं ठीक वैसे ही यौन आनंद के लिये स्त्री की योनि और पुरुष के लिंग पर विशेष हिस्सों में इस अनुभूति के लिये स्थान है लेकिन जब हमारे जैसे लैंगिक विकलांग लोग यौनांगों से ही अपाहिज हैं तो फिर हमारे लिये क्या सेक्स और क्या सेक्स का अनुभव?