रोम राज्य के पतन के पश्चात् स्वीय विधि (पर्सनल लॉ) का युग आया जो प्रायः 10वीं शताब्दी के अंत तक रहा।
12.
संविधान के अनुच्छेद १ ३ के अंतर्गत स्वीय विधि (Personal Law) और किसी दूसरे कानून में कोई अन्तर नहीं है।
13.
स्वीय विधि, संविधान के अनुच्छेद १ ४ तथा १ ५ का उल्लंघन करते हैं और उन्हें निष्प्रभावी घोषित किया जाना चाहिये।
14.
न्यायपालिका आगे क्या करेगी-यह तो भविष्य ही बतायेगा पर शायद पहल उन महिलाओं को करनी पड़ेगी जो इस तरह के भेदभाव वाले स्वीय विधि से प्रभावित होती हैं।
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न्यायपालिका आगे क्या करेगी-यह तो भविष्य ही बतायेगा पर शायद पहल उन महिलाओं को करनी पड़ेगी जो इस तरह के भेदभाव वाले स्वीय विधि से प्रभावित होती हैं।
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न्यायपालिका आगे क्या करेगी-यह तो भविष्य ही बतायेगा पर शायद पहल उन महिलाओं को करनी पड़ेगी जो इस तरह के भेदभाव वाले स्वीय विधि से प्रभावित होती हैं।
17.
यदि न्यायालयों के निर्णयों को आप देंखे तो पायेंगे कि न्यायपालिका किसी भी स्वीय विधि (Personal Law) को निष्प्रभावी घोषित करने में हिचकिचाती है लेकिन उस कानून की व्याख्या करते समय वह महिलाओं के पक्ष में रहता है।
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यदि न्यायालयों के निर्णयों को आप देंखे तो पायेंगे कि न्यायपालिका किसी भी स्वीय विधि (Personal Law) को निष्प्रभावी घोषित करने में हिचकिचाती है लेकिन उस कानून की व्याख्या करते समय वह महिलाओं के पक्ष में रहता है।