सौदाकारी करके मोलतोल से स्व-निर्णय के अंत पर दोनों ही पक्षों को जीत का अहसास दिलाने वाली मध्यस्थता की यह प्रक्रिया उन विवादों में अधिक सार्थक एवं कारगर सिद्ध हो रही हैं जहां कि दोनों विवाद ग्रस्त पक्षों में किसी प्रकार का कोई संबंध जुड़ा हुआ है।
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सौदाकारी करके मोलतोल से स्व-निर्णय के अंत पर दोनों ही पक्षों को जीत का अहसास दिलाने वाली मध्यस्थता की यह प्रक्रिया उन विवादों में अधिक सार्थक एवं कारगर सिद्ध हो रही हैं जहां कि दोनों विवाद ग्रस्त पक्षों में किसी प्रकार का कोई संबंध जुड़ा हुआ है।
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तो क्या उनकी वयस्कता की उम्र का नये सिरे से आकलन किया जाकर यदि आवश्यक लगे तो सामाजिक रुप से उनका कुछ वर्ष पूर्व ही विवाह करवा दिया जाना चाहिये जिससे कि इस किस्म के स्व-निर्णय से किये गये विवाह के बाद इस प्रकार ये युवतियां वापस अपने मां-पिता के घर स्थाई रुप से बोझ बनकर न आ पावें ।