| 11. | हन्त ते कथयिष्यामि दिव्या ह्यात्मविभूतयः ।
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| 12. | हा हन्त मालिकराम! धार्मिक भक्त! हा द्वजिराज! हा!
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| 13. | हा हन्त ' के कौन पद पूरा करता? तुक की यही मजबूरी है।
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| 14. | और ' वसन्त ' से शुरू करके ' हा हन्त ' पर पहुंचते हैं।
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| 15. | ' ' ‘‘ बहिन की नाक काट, हन्त दाशरथी ने क्षात्र-धर्म-विपरीत किया नीच कर्म है।
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| 16. | रैन में भी कभी नहीं मिलता था चैन हन्त! उठता तूफान पुरजोर बार-बार था।
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| 17. | म हन्त जी नारायण दास के साथ जाते हैं; गोवर्धन दास बैठकर मिठाई खाता है।
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| 18. | रैन में भी कभी नहीं मिलता था चैन हन्त! उठता तूफान पुरजोर बार-बार था।
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| 19. | म हन्त जी नारायण दास के साथ जाते हैं ; गोवर्धन दास बैठकर मिठाई खाता है।
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| 20. | (भगवान द्वारा अपनी विभूतियों और योगशक्ति का कथन) श्रीभगवानुवाच हन्त ते कथयिष्यामि दिव्या ह्यात्मविभूतयः ।
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