आरूषि हत्या मामले की तहकीकात और उसकी बारीकियों पर पैनी निगाह रख रहे भारतीयों के बीच इस बात पर पूरी सहमति है कि इस मामले में सबसे ज्यादा गुनहगार पुलिस है जिसने पेचीदा मामले को बेहद हलकेपन से लिया और सबूतों को इस हद तक नष्ट होने दिया कि असली कातिल तक पहुंच पाना उन्हें नामुमकिन लगने लगा है।