थाना नबावगंज क्षेत्र के ग्राम बबना निवासी 35 वर्षीय धनसिंह उर्फ मनकू पुत्र हरीराम अपने साले कल्लू पुत्र राधेश्याम निवासी गनीपुर जोगपुर के साथ लाल रंग की हीरो हाण्डा मोटरसाइकिल से जिला जेल जा रहे थे।
12.
इस अवसर पर दिनेश सिंह, भाजपा नेता रनणवीर सिंह राम सेवक गुप्ता राकेश कुमारगुप्ता हीरो हाण्डा, उदय त्रिपाठी मुन्नासिंह यादव, सहित काफी संख्या में भाजपा के पदाधिकारी व समर्थक तथा कार्यकर्ता मौजूद रहे।
13.
तभी हीरो हाण्डा पैशन बाइक संख्या यूपी 76 एम 4242 पर सवार होकर गंगानगर निवासी सागर पुत्र पप्पू सैनी व उसका एक अन्य साथी अमित वहां पहुंचे और अचानक प्रवेश के हाथ से उसका मोबाइल छीन लिया।
14.
इसी बात को लेकर बस के नगर एटा में घुसने से पहले हीरो हाण्डा एजेन्सी के सामने बस रूकवाकर कन्डेक्टर का बैग छीनने का प्रयास किया जिसका कन्डेक्टर द्वारा विरोध करने पर उसे गोली मारकर भाग गये थे।
15.
इस अवसर पर डेरा सच्चा सौदा के जिला मीडिया प्रभारी सुधीर कुमार, सलिन्द्र मोकल, प्रेम सागर हाण्डा, गोपाल, पप्पी, गिरीश, हरपाल चन्देल, श्याम सिहं, गुरदीप वालिया, सतीश, डा.
16.
पुलिस ने बाकायदा उस व्यक्ति के घर बैठकर चाय नाश्ता किया और चुपचाप दबे पैर हीरो हाण्डा पैशन बाइक संख्या यूपी 32 / एएम 8967 लेकर वापस आ गये और घटियाघाट चौकी पर वह बाइक एसओजी टीम को सौंप दी गयी।
17.
राजपथ पर गणतंत्र दिवस पर राज्य की झांकी के रूप में अपनी छटा बिखेरने के बाद नई दिल्ली की आईफैक्स आर्ट गैलेरी में मशहूर चित्रकार श्री बी. एस. हाण्डा की ंंआमेर फोर्ट-इमप्रिंट ऑन केनवासंं विषय पर सोमवार से कला प्रदशर्नी का आयोजन किया जाएगा।
18.
दिनांक 0 2. 09.13 को थाना सिंधौली पर श्री ओमकार नाथ दीक्षित पुत्र स्व 0 चिरौंजी लाल दीक्षित पूर्व प्रधान ग्राम मूरछा थाना सिंधौली जनपद शाहजहांपुर ने सूचना दी कि ग्राम मूरछा मोड़ जंगल के पास एक व्यक्ति की लाश पडी है तथा सडक पर एक मोटर साइकिल हीरो हाण्डा ग्लैमर नं 0 यूपी 30 एम 6675 पडी है।
19.
समीक्षित अंक में कहानी का प्लाट (शिवपूजन सहाय), भगवान जी (हृदयेश), के बोल कान्हा गौआला रे (चन्द्रकिशोर जायसवाल), वह, उसका हीरों हाण्डा और काली बीएमडब्ल्यू (सतीाश जायसवाल), माफ करना कामरेड़ (परितोष चक्रवर्ती), नहीं मरेगा आदमी (स्नेह मोहनीश), हार (परदेशी राम वर्मा) तथा जंगलगाथा (लोकबाबू) अच्छे कथानकों वाली कहानियां है।
20.
हताशा के दैनिक संघर्ष की उजली कहानी में वे हाण्डा प्रबन्धन और मजदूरों के बीच की कहानी को पर्त दर पर्त उघाड़ते हुए पूँजीशाही के घिनौने चरित्र को पेशकर उसके प्रति वितृष्णा व नफरत पैदा करते हैं तो दूसरी ओर ‘ दुनिया के मजदूरों एक हो ' जैसे नारे में विश्वास व्यक्त करते हुए वहाँ के मजदूरों के अदम्य संघर्ष और साहस का सच प्रस्तुत करते हुए उनका मनोबल भी ऊँचा करते हैं।