(दाईं ओर छवि में तीन कोच वक्र साथ डाले गए हैं जो सामान्यतः कोच हिमलव कहलाने वाले स्वरूप की रचना करता है.)
12.
उदाहरणों में शामिल है बादल, हिमलव, क्रिस्टल, पर्वत श्रृंखला, बिजली, नदियों के जाल, फूलगोभी या ब्रोकोली, और रक्त वाहिकाएं तथा फुफ्फुसीय वाहिकाओं की प्रणालियां.
13.
कोच हिमलव बनाने के लिए, एक समबाहु त्रिभुज के साथ शुरूआत करते हैं और फिर प्रत्येक रेखा खंड के मध्य तीसरे को रेखा खंडों की जोड़ी से स्थानापन्न करते हैं जो एक समबाहु “उभार” बनाता है.बाद में अनंत तक, परिणामी प्रत्येक रेखा खंड पर वही स्थानापन्न निष्पादित किया जाता है.हर पुनरावृत्ति के साथ, इस आकार की परिधि पिछली लंबाई के एक तिहाई से बढ़ जाती है.