इस काव्यकृति में कवि ने राम को संशयग्रस्त दिखाया है, उनका टूटकर हिम्मत हारना आदि राम कथा की परम्परा से हटकर वर्णन किया गया है।
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रेस्तराँ मैं टाइम लगा कटने पूजा की पूजा शुरू हुई रात दिन दीन दुनिया की फिकर ना रही उसको प्रेम का पूजरी हुआ कुछ ऐसा तल्लीन पर प्रेम तो हैं भैया बड़ा कठिन साथ छूट गया पप्पू का बीच राह पर हिम्मत हारना ना सीखा था उसने दिल कराह रहा था मगर, मुह से ना निकली आह बोरिया बिस्तर बाँध हुआ हमारा दोस्त तैयार बोला