के रोगप्रतिकारक प्रतिपिंड निश्चित रूप से भ्रमण करते रहते हैं, तो प्रतिजन उनसे मिलकर निष्प्रभाव हो जाया करते हैं और जब वे कोशिकाओं में स्थिर हो जाते हैं तो प्रतिजन से मिलकर हिस्टामिन की उत्पत्ति करते हैं, जिसके कारण तीव्रग्राहिताजन्य प्रतिक्रिया होती है।
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यह देखा गया है कि यदि रक्तोद (serum) के रोगप्रतिकारक प्रतिपिंड निश्चित रूप से भ्रमण करते रहते हैं, तो प्रतिजन उनसे मिलकर निष्प्रभाव हो जाया करते हैं और जब वे कोशिकाओं में स्थिर हो जाते हैं तो प्रतिजन से मिलकर हिस्टामिन की उत्पत्ति करते हैं, जिसके कारण तीव्रग्राहिताजन्य प्रतिक्रिया होती है।
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इन्होंने 1928 ई0 में परीक्षणों द्वारा यह सिद्ध किया कि तीव्रग्राहिता की उत्पत्ति का मुख्य कारण जीव के शरीर की कोशिकाओं एवं ऊतकों में बाह्य प्रोटीन के द्वारा उत्पन्न प्रतिजन (antigen) तथा शरीर में अंदर से प्रत्युत्पन्न रोगप्रतिकारक प्रतिपिंड (antibodies) की आपस में परस्पर क्रिया है, जिसके फलस्वरूप हिस्टामिन (histamine) नामक पदार्थ की प्रत्युत्पत्ति होती है।
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सभी विटामिन, खनिज और जड़ी बूटियों के इस मिश्रण अच्छी तरह से संतुलित विशेष रूप से हमारे शरीर हिस्टामिन प्रतिक्रिया मानक के अनुसार, मध्यम या प्रतिरक्षा प्रणाली को भड़काऊ प्रतिक्रिया और हमारे शरीर को स्वस्थ समर्थन करने की क्षमता के लिए जाना जाता पोषक तत्वों की एक प्राकृतिक स्रोत के साथ मौसमी एलर्जी से ग्रस्त मरीजों प्रदान करता है समग्र प्रतिरक्षा समारोह.