जब से मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल प्रभाव में आया है, सबसे महत्वपूर्ण क्लोरोफ्लोरोकार्बन और संबंधित क्लोरीनेटेड हाइड्रोकार्बन की वायुमंडलीय सांद्रता का स्तर या तो बराबरी पर आ गया है या कम हो गया है[2]. हैलोन सांद्रता का बढ़ना जारी है, क्योंकि वर्तमान में अग्निशमन यंत्रों में संग्रहित हैलोन छोड़ दी गई है, किन्तु उनके बढ़ने की दर कम हुई है और 2020 तक इसकी मात्रा में गिरावट की उम्मीद है.