यह सुझाव दिया गया है कि हम अभूतपूर्व संख्या में प्रजातियों के विलोपन के युग में जी रहे हैं, होलोसीन विलोपन घटना के नाम से भी जाना जाता है.
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[15] [16] [17] यह सुझाव दिया गया है कि हम अभूतपूर्व संख्या में प्रजातियों के विलोपन के युग में जी रहे हैं, होलोसीन विलोपन घटना के नाम से भी जाना जाता है.
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अगर १०००० हजार पहले हिमयुग के लगभग आखिरी दौर में अगर अफ्रीका में कोढ़ रोग फैला तो काफी बाद यानी होलोसीन युग तक एशिया में फैलकर लोगों के गंभीर बीमारी बन चुका होगा।
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अगर १०००० हजार पहले हिमयुग के लगभग आखिरी दौर में अगर अफ्रीका में कोढ़ रोग फैला तो काफी बाद यानी होलोसीन युग तक एशिया में फैलकर लोगों के गंभीर बीमारी बन चुका होगा।
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अगर १ ०००० हजार पहले हिमयुग के लगभग आखिरी दौर में अगर अफ्रीका में कोढ़ रोग फैला तो काफी बाद यानी होलोसीन युग तक एशिया में फैलकर लोगों के गंभीर बीमारी बन चुका होगा।
16.
उन्होंने रेखांकित किया है कि पृथ्वी ने होलोसीन युग [हिमयुग के बाद के ११ ७ ०० वर्ष} १ ७ ८ ४ में तभी छोड़ दिया था जब स्टीम इंजन का आविष्कार हुआ था.
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[15] [16] [17] यह सुझाव दिया गया है कि हम अभूतपूर्व संख्या में प्रजातियों के विलोपन के युग में जी रहे हैं, होलोसीन विलोपन घटना के नाम से भी जाना जाता है.
18.
अन्य कहते हैं कि उष्ण कटिबंधीय वनों की कटाई के कारण होलोसीन द्रव्य विलोपन (Holocene mass extinction)जारी है वनों की कटाई की दरों से ज्ञात विलोपन की दरें बहुत कम हैं, लगभग १ प्रजाति प्रति वर्ष स्तनधारियों और पक्षियों से है जबकि सभी प्रजातियों के लिए लगभग २३००० प्रजाति प्रति वर्ष है.
19.
नियोलिथिक युग का आगमन सीमावर्ती होलोसीन एपिपेलियोलिथिक अवधि के बाद कृषि की शुरुआत के साथ हुआ और इसने “नियोलिथिक क्रांति” को जन्म दिया; इसका अंत भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर धातु के औजारों के ताम्र युग (चालकोलिथिक) या कांस्य युग में सर्वव्यापी होने या सीधे लौह युग में विकसित होने के साथ हुआ.
20.
नियोलिथिक युग का आगमन सीमावर्ती होलोसीन एपिपेलियोलिथिक अवधि के बाद कृषि की शुरुआत के साथ हुआ और इसने “नियोलिथिक क्रांति” को जन्म दिया; इसका अंत भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर धातु के औजारों के ताम्र युग (चालकोलिथिक) या कांस्य युग में सर्वव्यापी होने या सीधे लौह युग में विकसित होने के साथ हुआ.