अगर 30 दिन के अंदर डीमेट अनुरोध संख्या प्राप्त नहीं होती है, तो विधिवत अंतरित किया गया शेयर प्रमाणपत्र अंतरिती को प्रषित किया जायेगा।
22.
शेयर अनुपात एक्सचेंज: “इस शेयर विनिमय अनुपात शेयरों की संख्या कि अंतरिती कंपनी ने अंतरक कंपनी के प्रत्येक शेयर के लिए, अंतरक कंपनी के शेयरधारकों को मुद्दा होता है.
23.
शेयरों की पीड़ित अंतरिती कंपनी के इनकार के शेयरों की कंपनी को कंपनी अधिनियम की धारा 111 के तहत लॉ बोर्ड हस्तांतरण करने के खिलाफ अपील करने का अधिकार था.
24.
ये लिखत के रूप में और प्रसव के द्वारा हस्तांतरणीय हैं, और मूल्य के लिए एक वास्तविक अंतरिती माना जाता है कि पूर्व धारक के शीर्षक में दोष से प्रभावित नहीं है.
25.
कंपनी अधिनियम कि संबंधित राज्यों के उच्च न्यायालय, जहां सौंपनेवाला और अंतरिती कंपनियों सीधा करने के लिए आवश्यक अधिकार क्षेत्र है उनके संबंधित कार्यालयों में पंजीकृत है प्रदान करता है के समापन या कंपनियों में या भारत के बाहर पंजीकृत के विलय को विनियमित.
26.
हालांकि अंतरणकर्ता राज् य में द्वितीय श्रेणी के भार या मापन का सत् यापन तथा मुहरांकन नहीं किया जाएगा किंतु अंतरिती राज् य में इसके पुन: संयोजन तथा संस् थापना के पश् चात स् थानीय निरीक्षक द्वारा इसका सत् यापन तथा मुहरांकन किया जाएगा।
27.
नव कंपनियों की धारा 108 में अधिनियम, शेयरों का हस्तांतरण उपधारा (3) डाला अब एक सौंपनेवाला और अंतरिती सीधे निक्षेपागार के रिकॉर्ड में के बीच धारा 108 (हस्तांतरण फार्म आदि भेजने के तहत विस्तृत प्रक्रिया का पालन किए बिना जगह ले सकता है के कारण.)
28.
ऐसे बैंक के संबंध में जिसके लिए समामेलन / पुनर्निमाण, आदि जैसी कोई स्कीम स्वीकृत है, इसी प्रकार की सूची संबंधित अंतरिती बैंक या बीमाकृत बैंक जैसी भी स्थिति हो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा समामेलन/पुनर्निमाण, आदि जैसी स्कीम के लागू होने की तारीख (निबीप्रगानि अधिनियम की धारा 18(1)) से तीन महीनों के अंदर प्रस्तुत की जानी है।
29.
प्रत् येक भार या मापन के सत् यापन तथा मुहरांकन के लिए शुल् क निम् न प्रकार उद्ग्रहीत किया जाएगा (i) प्रथम श्रेणी के भार या मापन पर शुल् क का उद्ग्रहण तथा संग्रहण अंतरणकर्ता राज् य द्वारा किया जाएगा ; तथा (ii) द्वितीय श्रेणी के लिए शुल् क का उद्ग्रहण तथा संग्रहण अंतरिती राज् य द्वारा किया जाएगा।
30.
निबीप्रगानि विनियमावली के विनियम 22 के साथ पठित निबीप्रगानि अधिनियम की धारा 21 (2) के अनुसार परिसमापक अथवा बीमित बैंक अथवा अंतरिती बैंक जैसी भी स्थित हो, से अपेक्षित है कि वह विफल बैंकों के आस्तियों से वसूली गयी राशि में किए गए व्यय के लिए प्रावधानकरने के बाद प्रत्येक जमाकर्ता को रुपए में एक पैसा या अधिक भुगतान करने के लिए पर्याप्त राशि जमा होने के बाद निबीप्रगानि को राशि की चुकौती निधारित समय या पद्धति में करें।