| 21. | काले अकीक की माला से राहु ग्रह का बीज मंत्र 108 बार जप करना चाहिए.
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| 22. | काला अकीक ” रत्न दायें हाथ की बड़ी अंगूठी में धारण करने से लाभ होता है।
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| 23. | चन्द्रमा की शांति के लिए मोती अथवा सफेद अकीक की माला का प्रयोग करना चाहि ए.
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| 24. | अकीक पिष्टी: हृदय और मस्तिष्क को बल देने वाली तथा वात, पित्त नाशक, बल वर्धक
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| 25. | यह काला पत्थर अकीक (पुखराज की तरह) की नस्ल का बताया जाता है.
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| 26. | काले अकीक की माला से राहु ग्रह का बीज मंत्र 108 बार जप करना चाहि ए.
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| 27. | * सीजरी-यह अकीक के समान विविध रंगों में फूल-पत्तीदार व दाग डालने वाला पत्थर होता है।
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| 28. | अकीक भस्म: हृदय की निर्बलता, नेत्र विकार, रक्त पित्त, रक्त प्रदर आदि रोग दूर करती है।
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| 29. | अकीक एकमात्र रत्न है जो धूप या अन्य किरणों को जज्ब कर जिस्म के अंदर पहुँचाता है।
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| 30. | * सीजरी-यह अकीक के समान विविध रंगों में फूल-पत्तीदार व दाग डालने वाला पत्थर होता है।
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