अग्निसह मिट्टी खोदकर बेलनों (रोलरों) द्वारा खूब बारीक पीस ली जाती है, फिर पानी में सानकर साँचे द्वारा उचित रूप में लाकर सुखाने के बाद, भट्ठी में पका ली जाती है।
22.
मामूली ईंट तथा प्लस्तर अधिक गरमी अथवा ताप से चिटक जाते हैं, अतः अँगीठियों इत्यादि की रचना में भी, जहाँ आग जलाई जाती है, अग्निसह ईंट अथवा अग्निसह मिट्टी के लेप (पलस्तर) का प्रयोग किया जाता है।
23.
मामूली ईंट तथा प्लस्तर अधिक गरमी अथवा ताप से चिटक जाते हैं, अतः अँगीठियों इत्यादि की रचना में भी, जहाँ आग जलाई जाती है, अग्निसह ईंट अथवा अग्निसह मिट्टी के लेप (पलस्तर) का प्रयोग किया जाता है।
24.
अग्निसह मिट्टी अँगीठी, भट्ठी तथा चिमनी इत्यादि के भीतर, जहाँ आग की गरमी अत्यधिक होने से साधारण मिट्टी की ईंटें अथवा पलस्तर के चटक जाने की आशंका रहती है, अग्निसह ईंट अथवा लेप के रूप में काम में लाई जाती है।
25.
अग्निसह मिट्टी अँगीठी, भट्ठी तथा चिमनी इत्यादि के भीतर, जहाँ आग की गरमी अत्यधिक होने से साधारण मिट्टी की ईंटें अथवा पलस्तर के चटक जाने की आशंका रहती है, अग्निसह ईंट अथवा लेप के रूप में काम में लाई जाती है।
26.
मामूली ईंट तथा प्लस्तर अधिक गरमी अथवा ताप से चिटक जाते हैं, अतः अँगीठियों इत्यादि की रचना में भी, जहाँ आग जलाई जाती है, अग्निसह ईंट अथवा अग्निसह मिट्टी के लेप (पलस्तर) का प्रयोग किया जाता है।