जो लोग आदिवासियों की अग्रगामिता और आक्रोश से उपजे इस लोक-अभियान को सरकारी प्रयोग कहते हैं वे बिलकुल भूल जाते हैं कि आदिवासियों को उनके प्रतिरोध के लिए भी पहचाना जाता है।
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इसका एकमात्र विकल्प यह है कि विकासशील देश और अल्प विकसित देशों के लेखक समाज के प्रति अपनी संवेदनात्मक प्रतिबद्धता बढ़ायें क्योंकि देश-काल के हिसाब से इस ' अग्रगामिता ' के शिकार विकासशील और अल्प विकसित देशों या राष्ट्रों के समाज ही होंगे.
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शीघ्र से शीघ्र उस विकास-क्रम में से गुज़र सकने के प्रयत्न में हम प्रयोगशीलता के नाम पर अनुकरणात्मक प्रयोग करते हुए किन्हीं वास्तविक उपलब्धियों तक नहीं पहुँच सकते, केवल उपलब्धियों के आभास से अपने को अपनी अग्रगामिता का झूठा विश्वास दिला सकते हैं।
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अब उठी वह युवती पर उससे पहले उसके वक्ष उठे और उनकी अग्रगामिता से परेशान अपनी बाहों को आकाश में तान उसने एक झटका दिया उन्हें फिर चल निकली उससे दूरी बनाता उठा युवक भी हौले-हौले सबसे अन्त में खेलते बच्चे चले और हवा हो गये
25.
कहा जा सकता है कि यह कुछ होगा तो अभी से कल्पना कीजिए कि बौद्धिक पिछड़ेपन और अग्रगामिता का कैसा वातावरण बनेगा? इससे गद्यात्मकता का क्षरण तो अवष्य हो जाएगा लेकिन छंद का जो रीतिवाद और रूढ़िवाद पैदा होगा,उसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है।
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अग्रगामिता कोई अलगाव नहीं है-इससे मेरा अभिप्राय आगे निकल जाने या पीछे छूट जाने से नहीं है-मैं उसे उसी अर्थ में अग्रगामी मानता हूँ, जैसे कि आने वाले कल के यथार्थ का बीज आज मुझमें है, उसी प्रकार प्राप्त में ही प्राप्य का बीज निहित रहता है।
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अब उठी वह युवती पर उससे पहले उसके वक्ष उठे और उनकी अग्रगामिता से परेशान अपनी बाहों को आकाश में तान उसने एक झटका दिया उन् हें फिर चल निकली उससे दूरी बनाता उठा युवक भी हौले-हौले सबसे अन् त में खेलते बच् चे चले और हवा हो गये
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कहा जा सकता है कि यह कुछ भी होगा तो अभी से कल्पना कीजिए कि बौद्धिक पिछड़ेपन और अग्रगामिता का कैसा वातावरण बनेगा? इससे गद्यात्मकता का क्षरण तो हो ही जायेगा लेकिन छंद का जो रीतिवाद और रूढ़वाद पैदा होगा, उसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है।
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या कि समय का अभाव, पारिवारिक-सामाजिक संरचना के तंतुजाल में दरकाव, पेपरलेस कम्युनिकेशन की ओर अग्रगामिता आदि-इत्यादि चीजें इसकी वजहें हैं? बहरहाल, इस गुरु-गंभीर विषय पर विमर्श की विचार-वीथिका में वरिष्ठ-गरिष्ठ विद्वानों को विचरण करने का सुअवसर प्रदान करते हुए मैं तो बस यही कहना चाह रहा हूं कि कहां गए वो दिन? वो पत्र-लेखन और पत्र-पठन के दिन अब तो पत्र-लेखन कला स्कूली पाठ्यक्रमों में सिमट कर रह-सी गई है।