| 21. | अचेतना में इसलिए, कि हममें से कोई भी नया पैदा हो गया हो, ऐसा नहीं है।
|
| 22. | क्या बातें ही बातें रहेंगी जाने मुझे बग़ैर, सिर्फ़ ग़फ़लत (अचेतना) व मदहोशा (मदोन्मता) है।
|
| 23. | सृष्टि के साथ सम्मिलन की भूमिका है अचेतना, और सृष्टा के साथ सम्मिलन की संभावना है संपूर्ण चेतना ।
|
| 24. | प्रकृति और परमात्मा, अचेतना और चेतना, यही दो ध्रुव हैं, जिनके मध्य पतन है या प्रगति है ।
|
| 25. | चेतना जितनी आलोकित होती जाए, और अचेतना का अंधकार जितना दूर हो, उतना ही वह परमात्मा के निकट पहुँचता है ।
|
| 26. | चित्तविभ्रम अर्थात् डेलीरियम (Delirium) मानसिक संभ्रांति की उस अवस्था को कहते हैं जिसमें अचेतना, अकुलाहट और उत्तेजना पाई जाती है।
|
| 27. | कुछ समय पश्चात् राजा कर्णसिंह की अचेतना दूर हुई, उसने जैसे ही नेत्र खोले तो देखा कि उसकी जीवन-संगिनी के प्राण-पखेरू उड़ चुके हैं।
|
| 28. | यहां तक की मौत ग़फ़्लत व बे ख़बरी की हालत (अचेतना की अवस्था) में उस पर अचानक (अकस्मात) टूट पड़ती है।
|
| 29. | मनः शास्त्र के यशस्वी सोधकर्त्ता कार्ल गुस्ताजुंग ने लिखा है, मनुष्य के चेतना और अचेतना के बीच की श्रृंखला बहुत दुर्बल हो गई है ।।
|
| 30. | 254. तुम्हारे और पन्दो नसीहत (उपदेश एवं प्रवचन) के दरमियान (बीच) ग़फ़लत (अचेतना) का एक बड़ा पर्दा हाइल है।
|