झाबुआ छोड़े हुए काफ़ी समय हो गया लगभग १४ वर्ष परंतु नवरात्र की बात याद आते ही अकस्मात ही झाबुआ की यादें आ जाती हैं क्योंकि उन दिनों हम कालेज में थे और अपना दोस्तों का दायरा भी अच्छाखासा था।
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झाबुआ छोड़े हुए काफ़ी समय हो गया लगभग १ ४ वर्ष परंतु नवरात्र की बात याद आते ही अकस्मात ही झाबुआ की यादें आ जाती हैं क्योंकि उन दिनों हम कालेज में थे और अपना दोस्तों का दायरा भी अच्छाखासा था।
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मेरे खयाल में शायद ही कोई इच्छा से आयकर देना चाहेगा, चाहे वह एक साधारण व्यक्ति हो जो किसी प्रकार अपने परिवार की गाड़ी खींच पा रहा हो, या अच्छाखासा खाता-पीता सुसंपन्न व्यक्ति जिसके पास भोगने से कहीं अधिक धन-संपदा हो ।