यह लोकयातिओं के पक्ष का अतिसरलीकरण है जो शंकर कर रहे हैं, यह मूलतः न्याय-वैशेषिकों का तर्क है जो शंकर बिना किसी परिवर्तन के उनसे लेकर लोकायत का खंडन करना चाहते हैं.
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इसी प्रसंग में ‘ राजनीतिक अर्थशास्त्र की आलोचना में योगदान ' की प्रसिद्ध भूमिका को उद्धृत करने के बाद वे स्वीकार करते हैं कि इसके यांत्रिक अतिसरलीकरण की गुंजाइश है और ऐसा हुआ भी है ।
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यह भ्रष्टाचार की समस्या का अतिसरलीकरण है लेकिन बहुत से जानकार लोगों का कहना था कि जन लोकपाल की व्यवस्था भ्रष्टाचार के दैत्य को मारने के लिए उतना ही बड़ा एक और दैत्य खड़ा करने की कोशिश है।
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ठीक है कि हम व्याकरण मुक्त हो चुके हैं लेकिन हिंदी बोलने वाले घरों के बच्चे क्या इस वजह से साहित्य नहीं समझ पाते क्योंकि भाषा का इतना अतिसरलीकरण कर दिया गया है कि अब मतलब ही समझ नहीं आता।
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ठीक है कि हम व्याकरण मुक्त हो चुके हैं लेकिन हिंदी बोलने वाले घरों के बच्चे क्या इस वजह से साहित्य नहीं समझ पाते क्योंकि भाषा का इतना अतिसरलीकरण कर दिया गया है कि अब मतलब ही समझ नहीं आता।
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ठीक है कि हम व्याकरण मुक्त हो चुके हैं लेकिन हिंदी बोलने वाले घरों के बच्चे क्या इस वजह से साहित्य नहीं समझ पाते क्योंकि भाषा का इतना अतिसरलीकरण कर दिया गया है कि अब मतलब ही समझ नहीं आता।
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ठीक है कि हम व्याकरण मुक्त हो चुके हैं लेकिन हिंदी बोलने वाले घरों के बच्चे क्या इस वजह से साहित्य नहीं समझ पाते क्योंकि भाषा का इतना अतिसरलीकरण कर दिया गया है कि अब मतलब ही समझ नहीं आता।
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इस लिहाज से लातिन अमेरिका पर वॉशिंगटन में स्थित अमेरिकी सरकारी विभाग के प्रोग्राम निदेशक ज्यॉफ थाले की बात ठीक लगती है कि एक ओर ब्राजील और दूसरी तरफ वेनेजुएला, बोलीविया तथा इक्वेडोर के नेतृत्व वाले दो मॉडलों में लातिन अमेरिका की राजनीति को बांटना अतिसरलीकरण है।
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स्वाभाविक रूप से विद्वानों को माक्र्स के रू-ब-रू इस भूमिका के साथ न्याय करने की संभावना फ्रायड में दिखी, क्योंकि अपनी बौद्धिक कद-काठी में वह ख़ासा कद्दावर था, बीसवीं सदी के आरंभिक दशकों में ही मनोविज्ञान का लगभग पर्याय बन चुका था और अतिसरलीकरण के लिए आतुर लेखक उसे अर्थ की केंद्रीयता बतानेवाले माक्र्स के सामने यौन-भाव की केंद्रीयता बतानेवाला उसका समर्थ प्रतिद्वंद्वी स्वीकार करने लगे थे।
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स्वाभाविक रूप से विद्वानों को माक्र्स के रू-ब-रू इस भूमिका के साथ न्याय करने की संभावना फ्रायड में दिखी, क्योंकि अपनी बौद्धिक कद-काठी में वह ख़ासा कद्दावर था, बीसवीं सदी के आरंभिक दशकों में ही मनोविज्ञान का लगभग पर्याय बन चुका था और अतिसरलीकरण के लिए आतुर लेखक उसे अर्थ की केंद्रीयता बतानेवाले माक्र्स के सामने यौन-भाव की केंद्रीयता बतानेवाला उसका समर्थ प्रतिद्वंद्वी स्वीकार करने लगे थे।