राजा बीरसिंग नई साडी को देखकर शंका में अति क्रोधित हो जाता है और तत् काल अहिमन को लेकर उसके मायके छोडने जाता है ।
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इस पर देवयानी अति क्रोधित होकर शर्मिष्ठा से बोली, “रे शर्मिष्ठा! एक असुर पुत्री होकर तूने ब्राह्मण कन्या का वस्त्र धारण करने का साहस कैसे किया?
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इस पर देवयानी अति क्रोधित होकर शर्मिष्ठा से बोली, “रे शर्मिष्ठा! एक असुर पुत्री होकर तूने ब्राह्मण कन्या का वस्त्र धारण करने का साहस कैसे किया?
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इस पर देवयानी अति क्रोधित होकर शर्मिष्ठा से बोली, “रे शर्मिष्ठा! एक असुर पुत्री होकर तूने ब्राह्मण कन्या का वस्त्र धारण करने का साहस कैसे किया?
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अध्याय १ ० 3. बाबा को समर्पित करने के लिए अधिक मूल्य वाले पदार्थ लाने वालो से बाबा अति क्रोधित हो जाते और अपशब्द कहने लगते ।
26.
राजा रानी नट की उद्दंडता पर अति क्रोधित हुए और सैनिकों से उसे बाहर निकालने को कहा, किन्तु उनके दिव्य तेज से कोई भी उनके सम्मुख न पहुँच सका ।
27.
इस पर देवयानी अति क्रोधित होकर शर्मिष्ठा से बोली, ” रे शर्मिष्ठा! एक असुर पुत्री होकर तूने ब्राह्मण कन्या का वस्त्र धारण करने का साहस कैसे किया? तूने मेरे वस्त्र धारण करके मेरा अपमान किया है।
28.
मैं मन वचन कर्म से उन्हें पति मान चुकी हूँ, और आप मेरा विवाह न भी करेंगे, तो भी मैं आजीवन उनकी ही पत्नी बन कर कुंवारी रहूंगी ” पुत्री की इन बातों से मैना देवी अति क्रोधित हुईं और उसे (निर्लज्जता के लिए) डांटने लगीं ।
29.
जब हम परीक्षा में होते हैं, लालच करते हैं, कडवाहट बाते करते हैं, अति क्रोधित होते हैं, स्वयं को धर्मी समझते हैं, निन्दा करते हैं, औरों का न्याय करते हैं, औरों की क्षमा नहीं करते, संसारिक बातों से प्रेम करते हैं, लड़ते हैं और बदला लेना चाहते हैं, तब, हमारी स्वयं की दुष्ट शक्ति दिखाई देती है, जो कुछ काम की नहीं होती।