किन्तु इसमें सही व सटीक फलित के लिये काफी साधना और ईश्वरीय कृपा के साथ अतीन्द्रिय ज्ञान व गणित एवं विज्ञान की विशेषज्ञाता आवश्यक है ।
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कभी-कभी अचानक कोई घटना घटती है और वे स्त्रोत उद्घाटित हो जाते हैं, तब आदमी को अतीन्द्रिय ज्ञान की प्राप्ति का अनुभव होने लग जाता है।
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किन् तु इसमें सही व सटीक फलित के लिये काफी साधना और ईश् वरीय कृपा के साथ अतीन्द्रिय ज्ञान व गणित एवं विज्ञान की विशेषज्ञाता आवश् यक है ।
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चेतना के उच्चस्तर पर पहुंच जाने के बाद की गई भविष्य कथन और इस तरह की वृत्तियां इस बात का प्रमाण है कि अतीन्द्रिय ज्ञान एक विलक्षण उपलब्धि है।
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अतीन्द्रिय ज्ञान को वैज्ञानिक आधार पर प्रमाणित करने वाले विद्वानों का मानना है कि यदि कोई तत्व प्रकाश की गति से भी तीव्र गति करे तो उसके लिए समय रुक जाता है।
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अतीन्द्रिय ज्ञान को वैज्ञानिक आधार देते हुए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में भौतिकी के विद्वान एड्रियन डॉन्स ने कहा है कि भविष्य में होने वाली हलचलें मनुष्य के मस्तिष्क में एक प्रकार की तरंगें पैदा करती हैं।
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भारत के आर्ष ऋषियों ने अपने अतीन्द्रिय ज्ञान से इस प्रश्न के उत्तर को खोजकर शरीर के जन्म के पूर्व, शरीर के जीवित रहते, शरीर की मृत्यु के पश्चात् इस तत्व अर्थात् आत्मा की क्रियाशीलता व उसकी विभिन्न स्थितियों का विषद् चित्रण प्रस्तुत किया है।