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अत्यन्त तेज उदाहरण वाक्य

उदाहरण वाक्य
21.संक्षेप में याचिका का विवरण इस प्रकार है कि दि. 25.08.2007 को समय करीब 21.30 बजे रात वादीगण का पुत्र शिवांश अपने माता पिता के साथ विक्रम सं. यू. पी. 70/ए. टी5860 से रेलवे स्टेशन जा रहा था कि उक्त वाहन के चालक ने वाहन को अत्यन्त तेज गति एवं लापरवाही से चला कर सामने से आ रहे ट्रक में जोरदार टक्कर मार दिया।

22.संक्षेप में याचिका का विवरण इस प्रकार है कि दि. 26.02.2008 को समय करीब 2.00 बजे दिन इलाहाबाद जौनपुर रोड पर बहद ग्राम अरवासी मय बहादुरगढ़ अन्तर्गत थाना फूलपुर जिला इलाहाबाद में मिनी बस संख्या यू. पी. 70/ए. टी. 5919 का चालक उक्त वाहन को अत्यन्त तेज गति एवं लापरवाही से चलाता हुआ आया और वादी की पुत्री कु. साधना को टक्कर मार दिया।

23.इस साक्षी ने भी घटना की तिथि, समय व स्थल पर मोटर साईकिल संख्या यू. ए. 07-एन-5351 के चालक द्वारा देहरादून की ओर से आकर मृतक की मोटर साईकिल में टक्कर मारने और उस समय मोटर साईकिल संख्या यू. ए. 07 एन-5351 के चालक द्वारा मोटर साईकिल को अत्यन्त तेज गति व लापरवाही से चलाने की साक्ष्य न्यायालय में देते हुये आरोपित मोटर साईकिल की स्पीड उस समय करीब 70-80 किलो मीटर बतायी गयी है।

24.संक्षेप में याचिका का विवरण इस प्रकार है कि दि. 16.03.99 को समय करीब 07.00 बजे शाम बहद स्थान मेडिकल कालेज क्रासिंग के पास रमेश चन्द्रा के बंगले के सामने सड़क पर अन्तर्गत थाना जार्ज टाउन जनपद इलाहाबाद में, जब मृतक उमाकान्त अपनी साइकिल से वापस अपने धर की ओर जा रहा था तभी टैंकर सं. सी. आई. ई./1697 का चालक उसे अत्यन्त तेज गति एवं लापरवाही से चलाता हुआ आया और मृतक उमाकान्त मिश्रा को पीछे से टक्कर मार दिया।

25.याचिका के अनुसार दिनांक 28-12-2007 को घटित इस दुर्घटना के लिये पूर्ण रूप से ट्रक सं0 यू0जी0ए0 9225, का चालक करतार सिंह जिम्मेदार है और उसके द्वारा यह दुर्घटना अपने ट्रक को अत्यन्त तेज गति एवं लापरवाही से चलाकर गलत दिशा में सामने से आती हुयी मृतक की कार में टक्कर मारने के कारण घटित हुयी जिससे कार में बैठे वीरेन्द्र कुमार को प्राणघातक चोटें आयी और घटना वाले दिन ही समय लगभग 4 बजे उनकी दून अस्पताल देहरादून में मृत्यु हो गयी।

26.अतः याचीगण की ओर से प्रस्तुत प्रत्यक्षदर्शी साक्ष्य को सन्देहजनक ठहराने का कोई कारण नहीं है और न ही ऐसा कोई कारण है कि उसकी प्रत्यक्षदर्शी साक्ष्य पर कोई विश्वास न किया जाये, अतः याचीगण की ओर से प्रस्तुत पी0डब्लू0 2 की प्रत्यक्षदर्शी साक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुये यह निष्कर्ष निकलता है कि यह दुर्घटना विपक्षी सं0 1 भगवत सिंह द्वारा चलायी जा रही मोटर सायकिल सं0 यू0ए0-07-एल-7179 को अत्यन्त तेज गति एवं लापरवाही से चलाने के कारण घटित हुयी थी जिसमें सुन्दर सिंह सैनी को प्राणघातक चोटें आयी।

27.संक्षेप में याचिका का विवरण इस प्रकार है कि दि. 24.02.99 को समय करीब 11.00 बजे दिन मृतक मनोज कुमार अपने मित्र के साथ उसकी हीरो पुक मोपेड संयू. पी. 70/एच 7274 के पीछें बैठकर गोविन्दपुर कालोनी एक दुकान के उदधाटन में शामिल होने के लिए जा रहा था कि बहद स्थान लल्ला चुंगी इलाहाबाद विश्विविद्यालय के पास लड़कियों के हास्टल के सामने वाली सड़क पर अन्तर्गत थाना कर्नलगंज जिला इलाहाबाद में स्कूटर संख्या यू. पी. जेड/7335 का चालक उसे अत्यन्त तेज गति एवं लापरवाही से चलाता हुआ आया और मोपेड को टक्कर मार दिया।

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