लेज़र किरण को इस तरह से फैलाया जाता है कि यह कम्पयूटर रखने वाली जगह के ऊपर अधोरक्त लेज़र का एक समतल बना देती है।
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अपनी उल्लेखनीय सख्तता के कारण कई अनुप्रयोगों में प्रयुक्त होता है, जैसे अधोरक्त दृष्टि सम्बन्धी उपकरण, घडी़ के क्रिस्टल, अर्धचालकों की डिपोसीशन हेतु जैसे कि
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इसका रेंज है 30 to 300 गीगा हर्ट्ज़, जिसके ऊपर के विद्युत चुम्बकीय विकिरण को अधोरक्त प्रकाश कहा जाता है, जिसे टैरा हर्ट्ज़ विकिरण भी कहते हैं ।
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अपनी उल्लेखनीय सख्तता के कारण कई अनुप्रयोगों में प्रयुक्त होता है, जैसे अधोरक्त दृष्टि सम्बन्धी उपकरण, घडी़ के क्रिस्टल, अर्धचालकों की डिपोसीशन हेतु जैसे कि GaN nanorods ।
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अवरक्त किरणें (या कहीं-कहीं अधोरक्त भी नाम) एक प्रकार का विद्युत चुम्बकीय विकिरण हैं, जिनकी तरंग दैर्घ्य प्रत्यक्ष प्रकाश से बङा हो एवं सूक्ष्म तरंग से कम हो।
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अवरक्त किरणें, अधोरक्त किरणें या इन्फ़्रारॅड एक प्रकार का वह विद्युत चुम्बकीय विकिरण है जिसका तरंग दैर्घ्य (वेवलॅन्थ) प्रत्यक्ष प्रकाश से बड़ा हो एवं सूक्ष्म तरंग से कम हो।
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तदनुसार इनकी तरंग दैर्घ्य 1 मिलिमीटर (सूक्ष्म तरंग पट्टी का उच्चावृत्ति सिरा) एवं 100 माइक्रोमीटर (सुदूर अधोरक्त प्रकाश का तरंग दैर्घ्य सिरा) के बीच होता है ।
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तदनुसार इनकी तरंग दैर्घ्य 1 मिलिमीटर (सूक्ष्म तरंग पट्टी का उच्चावृत्ति सिरा) एवं 100 माइक्रोमीटर (सुदूर अधोरक्त प्रकाश का तरंग दैर्घ्य सिरा) के बीच होता है ।
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अवरक्त किरणें, अधोरक्त किरणें या इन्फ़्रारॅड एक प्रकार का वह विद्युत चुम्बकीय विकिरण है जिसका तरंग दैर्घ्य (वेवलॅन्थ) प्रत्यक्ष प्रकाश से बड़ा हो एवं सूक्ष्म तरंग से कम हो।
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यह पृथ्वी से २५ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर है और इस से अत्यधिक अधोरक्त (इन्फ़्रारॅड) प्रकाश उत्पन्न होता है, जिसका अर्थ यह है के यह एक मलबे के चक्र से घिरा हुआ है।