| 21. | अधोवायु, मल-मूत्र, छींक और तनाव अधिक देर तक लगातार रोना, अत्यधिक शोक संतृप्त रहना आदि नेत्रों को हानि पहुँचाने वाले काम हैं।
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| 22. | पेट के भीतर वायु बनना स्वाभाविक क्रिया है और चूँकि यह वायु नीचे के तरफ याने कि गुदा से निकलती है इसलिए इसे अधोवायु कहा जाता है।
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| 23. | पेट के भीतर वायु बनना स्वाभाविक क्रिया है और चूँकि यह वायु नीचे के तरफ याने कि गुदा से निकलती है इसलिए इसे अधोवायु कहा जाता है।
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| 24. | आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार तो लंबे समय तक अधोवायु को पेट के भीतर रोके रहे जाना अनेको यौन रोगों के उत्पन्न हो जाने का कारण भी बन जाता है।
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| 25. | फिर भी यदि ये शब्द आपको पसंद नहीं आ पा रहा हो तो चलिए अब इसके बदले हम इसके शुद्ध हिन्दी नाम याने कि अधोवायु का ही प्रयोग करेंगे।
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| 26. | फिर भी यदि ये शब्द आपको पसंद नहीं आ पा रहा हो तो चलिए अब इसके बदले हम इसके शुद्ध हिन्दी नाम याने कि अधोवायु का ही प्रयोग करेंगे।
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| 27. | आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार तो लंबे समय तक अधोवायु को पेट के भीतर रोके रहे जाना अनेको यौन रोगों के उत्पन्न हो जाने का कारण भी बन जाता है।
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| 28. | यदि यह अधोवायु शब्द करते हुए छूट जाए तो जहाँ अन्य लोगों को अनायास ही हँसी आ जाती है वहीं इसे छोड़ने वाला बड़ा अटपटा से अनुभव करने लगता है।
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| 29. | यदि यह अधोवायु शब्द करते हुए छूट जाए तो जहाँ अन्य लोगों को अनायास ही हँसी आ जाती है वहीं इसे छोड़ने वाला बड़ा अटपटा से अनुभव करने लगता है।
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| 30. | इस चूर्ण को एक चम्मच मात्रा में गर्म पानी से लेने से अधोवायु निकल जाती है और गैस का प्रकोप शांत हो जाता है, पेट पर सेक करने से भी लाभ होता है।
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