जैविक आधारों के नाते जीवन को नुकसान पहुंच सकने या मृत्यु की संभावनाओं के प्रति सहज रूप से ही एक विशेष प्रतिक्रियात्मक व्यवहार हमारे पास होता ही है, ऐसे में चीज़ों या स्थितियों के प्रति संसर्ग के हमारे पहले अनुभव जिनके कि आधार पर हमारे मस्तिष्क में प्राथमिक अनुकूलित प्रतिवर्त बन रहे होते हैं, बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं।