जरूरी नहीं कि आप ही सिस्टम बनाएं, आप कोई भी अच्छा सिस्टम अपना सकते हैं, पर यह ध्यान रखिए कि कहीं यह सिस्टम अनुत्पादकता को तो नहीं बढ़ा रहा? समस्या को टुकड़ों में हल करो किसी भी समस्या को दूर करने के लिए उसे बारीकी से समझना जरूरी है।
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जब दस वर्ष पहले, दिल्ली में बिजली वितरण का निजीकरण शुरू किया गया था, तब प्रचार किया गया था कि सरकारी दिल्ली बिजली सप्लाई उपक्रम (डेसू) में अनुत्पादकता की वजह से दिल्ली के उपभोक्ताओं को उचित दाम पर और पर्याप्त मात्रा में और भरोसेमंद बिजली आपूर्ति नहीं होती है।
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राजनैतिक व्यवस्था का चरित्र है कमज़ोर और अनुपयोगी की उपेक्षा करना (बच्चे न तो सरकारें बनाते हैं ना बिगाढ़ते हैं और जो वोट देकर यह ताकत रखते हैं उनकी नज़र में बच्चे पूरी इंसानी इकाई नहीं हैं, बल्कि अधूरी इकाई हैं) और मौजूदा अर्थव्यवस्था का मतलब है हर उस व्यक्ति की उपेक्षा करना जिसे अनुत्पादकता की श्रेणी में धकेल दिया जा रहा है.
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राजनैतिक व्यवस्था का चरित्र है कमज़ोर और अनुपयोगी की उपेक्षा करना (बच्चे न तो सरकारें बनाते हैं ना बिगाढ़ते हैं और जो वोट देकर यह ताकत रखते हैं उनकी नज़र में बच्चे पूरी इंसानी इकाई नहीं हैं, बल्कि अधूरी इकाई हैं) और मौजूदा अर्थव्यवस्था का मतलब है हर उस व्यक्ति की उपेक्षा करना जिसे अनुत्पादकता की श्रेणी में धकेल दिया जा रहा है.
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राजनैतिक व्यवस्था का चरित्र है कमज़ोर और अनुपयोगी की उपेक्षा करना (बच्चे न तो सरकारें बनाते हैं ना बिगाढ़ते हैं और जो वोट देकर यह ताकत रखते हैं उनकी नज़र में बच्चे पूरी इंसानी इकाई नहीं हैं, बल्कि अधूरी इकाई हैं) और मौजूदा अर्थव्यवस्था का मतलब है हर उस व्यक्ति की उपेक्षा करना जिसे अनुत्पादकता की श्रेणी में धकेल दिया जा रहा है.