मात्र यह तथ्य कि मानवजाति का अस्तित्व बरकरार है, इस बात का प्रमाण है कि संसक्तिशील बल विचछेदक बल से अधिक शक्तिशाली है, अभिकेन्द्री बल अपकेन्द्री बल से बढ़कर है।
22.
ऐसी गणनाएं करने पर ज्ञात हुआ कि अन्तरिक्ष में विशाल पिण्डों के अपकेन्द्री बलों का सन्तुलन कर सकने वाली पदार्थ की जो मात्रा आवश्यक है, वह दृश्य पदार्थ की मात्रा से कई गुना अधिक है।
23.
ऐसी गणनाएं करने पर ज्ञात हुआ कि अन्तरिक्ष में विशाल पिण्डों के अपकेन्द्री बलों का सन्तुलन कर सकने वाली पदार्थ की जो मात्रा आवश्यक है, वह दृश्य पदार्थ की मात्रा से कई गुना अधिक है।