| 21. | व्रीडा अत्र का यत्र चतुर्मुखत्वमीशो अपि लोभाद गमितो युवत्याः।
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| 22. | आगच्छन वैनतेयः अपि पदम् एकम् न गच्छति॥
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| 23. | ॥ 35 ॥ अपि चेदसि पापेभ्यः सर्वेभ्यः पापकृत्तमः ।
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| 24. | ” अजो अपि सन्नव्यायात्मा भूतानामिश्वरोमपि सन ।
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| 25. | अपि स्वर्णमयी लंका न मे लक्ष्मण रुच्यते।
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| 26. | ‘ तत वाक्य शेषात् प्रादुर्भावेषु अपि सा।
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| 27. | यतंतः अपि अकृत आत्मानः न एनं पश्यन्ति अचेतसः / /
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| 28. | एवं ज्ञात्वा कृतं कर्म, पूर्वैर अपि मुमुक्षुभि:
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| 29. | ५. अपि सम्पूर्णतायुक्तै कर्तव्या: सुहृद बुधे, नदीश: परिपूर्णोsपि चन्द्रोदमपेक्षते.
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| 30. | अन्तरात्मा के स्वरूप का अधिगम (ज्ञान), अपि-
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