ई तो तुम सही कहत हो...पर अब आगे क्या करें...ऊ गब्बर तो बिलागिंग के रोग मे जकड गया है...ठाकुर उसको बेवकूफ़ बना रहा है..ना तो हथियार दिलवा रहा है..ना छुडवा रहा है..बल्कि अफ़ीमची की तरह बिलागिंग का नशा पिलाय देत है..दिन भर गब्बर को...और बस गब्बर दिन भर गाते रहत हैं..आ..ब्लागिंग करले..आ ब्लागिंग करले... बसंती: अऊर ऊ जय का कोनू पता चलबे किया की नाहीं..? सांभा: अरे बसंती बहन...लगता है ई ससुर गिरोह ही कोनू गलत मुहुर्त में बन गवा.