मेरे विधिक जानकारी के अनुसार ये कार्य और गतिविधियां निम्न अपराधों के अंतर्गत भी सीधे-सीधे आते हैं आते हैं-“ जानबूझ कर सामाजिक विद्वेष पैदा करना, नफरत और शत्रुता के भाव पैदा करना, राष्ट्र की अखंडता तथा राष्ट्रीय एकता को नुकसान करने हेतु गलत ढंग से प्रभावित करने वाले वक्तव्य देना, लोक न्यूसेंस, जानबूझ कर किया गया अपमान जिससे लोक शांति भंग होने संभावित हो, लोक रिष्टिकारक वक्तव्य तथा आपराधिक अभित्रास ”.
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अतः उक्त विवेचना के आधार पर निष्कर्ष यह निकलता हैं कि प्रस्तुत प्रकरण में अभियोजन यह तथ्य प्रमाणित करने में सफल रहा हैं कि आरोपी द्वारा दिनॉंक-26 / 06/04 को शाम 06.30 बजे मुरली की दुकान के सामने गिदवानी पार्क के पास बैरागढ़, भोपाल में फरियादी विजय बंजारा को सार्वजनिक स्थान पर अश्लील गालियॉं देकर क्षुब्ध किया तथा उसे उपहति कारित करने का सामान्य आशय बनाया तथा उसके अग्रसरण में धारदार हथियार ब्लेड मारकर उपहति कारित की संत्रास कारित करने के आशय से जान से मारने की धमकी देकर आपराधिक अभित्रास कारित किया।