| 21. | अविद्या, अस्मिता, राग-द्वेष, अभिनिवेश को पंच क्लेश या अविद्या रूप कहा है।
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| 22. | सिवाय अज्ञान और दंभमूलक मिथ्या अभिनिवेश और दिखावे के कुछ न गया।
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| 23. | क्लेशा।।हिन्दी में भावार्थ-अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष और अभिनिवेश यह पांचों क्लेश है।
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| 24. | साक्षात्कार होने से राग-द्वेष और अभिनिवेश का अत्यंत अभाव हो जाता है।
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| 25. | नवकार (नमस्कार) महामंत्र सम्प्रदाय के अभिनिवेश से मुक्त शुद्ध आध्यात्मिक ऋचा है।
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| 26. | योगदर्शन के अनुसार अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष एवं अभिनिवेश पाँच क्लेश हैं।
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| 27. | सिवाय अज्ञान और दम्भमूलक मिथ्या अभिनिवेश और दिखावे के कुछ न गया।
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| 28. | साक्षात्कार का मतलब है राग, द्वेष और अभिनिवेश निवृत्त हो जाना।
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| 29. | हिन्दी में भावार्थ-अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष और अभिनिवेश यह पांचों क्लेश है।
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| 30. | ये पांच दुख-अविा, अस्मिता, राग, द्वेष और अभिनिवेश हैं।
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