| 21. | इस स्तर पर अभियोजन साक्षी को अभियोजन पक्ष ने पक्षद्रोही धोषित किया और अनुमति से जिरह की।
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| 22. | अभियोजन साक्षी पी. डब्ल्यू-4 शंकर सिंह ने अपनी मुख्य परीक्षा में कहा है कि मैं रिटायर फौजी हूं।
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| 23. | इस तरह इस अभियोजन साक्षी के उपरोक्त बयानों से भी अभियोजन कथानक को कोई बल नहीं मिलता है।
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| 24. | उपरोक्त के सम्बन्ध में सर्वप्रथम घायल धर्मसिंह (अभियोजन साक्षी संख्या-2) की साक्ष्य को विचारण के लिये लिया जायेगा।
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| 25. | लडकों के लिखित शिकायत को किसी भी अभियोजन साक्षी के बयान के माध्यम से साबित नहीं कराया गया है।
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| 26. | अभियोजन की ओर से अभियोजन साक्षी संख्या-1 धर्मपाल सिंह रावत और अभियोजन साक्षी संख्या-2 राजेन्द्र लाल को परीक्षित किया गया।
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| 27. | अभियोजन की ओर से अभियोजन साक्षी संख्या-1 धर्मपाल सिंह रावत और अभियोजन साक्षी संख्या-2 राजेन्द्र लाल को परीक्षित किया गया।
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| 28. | अभियोजन पक्ष द्वारा मौखिक साक्ष्य में अभियोजन साक्षी संख्या-1 रामनरेश यादव तथा पी0डब्लू02 जैनुउद्दीन खां को परीक्षित कराया गया है।
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| 29. | अभियोजन साक्षी संख्या 1 श्रीमती अमरावती मृतक की विधवा हैं तथा पी. डब्लू.-2 श्याम बाबू यादव मृतक के पुत्र हैं।
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| 30. | मगर अभियोजन साक्षी पी0डब्ल्यू0-8 लक्ष्मण सिंह मृतक गणेश सिंह का पुत्र है इसलिए उसे हितबद्व साक्षी माना जा सकता है।
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