| 21. | <: सावि, बंगाली अरवी और कचालू दोंनों अलग हैं, मैं कचालू की चाट लिखने की कोशिश करूंगी.
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| 22. | अरवी की प्रमुख प्रजातियाँ निम्न हैं-गौरिया, काका कच्चू, पंचमुखी, फैजाबादी गेडिया,एफ.सी. १, एफ.सी.४, तथा एफ.सी. ६ इत्यादि
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| 23. | अरवी की प्रमुख प्रजातियाँ निम्न हैं-गौरिया, काका कच्चू, पंचमुखी, फैजाबादी गेडिया,एफ.सी. १, एफ.सी.४, तथा एफ.सी. ६ इत्यादि
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| 24. | कम समय में बनने वाले पकवान>>> श्रीखंड>>> सिंघाड़े की पूड़ी>>> पेड़ा>>> तिल की खीर>>> आलू / अरवी की चाट
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| 25. | इसी तरह अरवी या अरबी के नाम से पहचाना जानेवाला कंद मूलतः संस्कृत के अलुः का रूपांतर ही है।
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| 26. | इन रोटियों और पूड़ियों के साथ साग के लिए दो कन्द का प्रयोग किया जाता है-आलू और अरवी
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| 27. | जब आप सर्व करें तो आलू या अरवी को एक छोटे कटोरे में प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग अलग रखें।
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| 28. | यात्रा के प्रारंभ जो आदमी गाजर की तरह लाल-लाल था, वहीं अब अरवी के पत्तों की तरह हरा-हरा हो गया था।
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| 29. | नमकीन में भी पातरा (अरवी के पत्ते) और हाँ दाल-चावल... । और खीरा... बहुत सारा लेकर आना...
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| 30. | -अरवी खाने से त्वचा पर की झुर्रियां दूर होती हैं तथा शरीर के अंदर व बाहरी सूखापन को दूर करती है।
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