क्रांति का अर्थ परिवर्तन मान लिया गया है और प्रत्येक परिवर्तन को क्रांति कहने का रिवाज चल निकला है।
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[132] कुछ स्थलों पर श्रद्धा शब्द के दो भाग (श्रत् एवं धा) बिना किसी अर्थ परिवर्तन के पृथक्-पृथक् रखे गये हैं।
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अर्थ परिवर्तन के संदर्भ में इस बात को नहीं नकारा जा सकता कि भाषा का एक अनिवार्य नियम परिवर्तनशील होना है।
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यह अर्थ परिवर्तन का चरम है कि आज ‘ संवेदनशील ' शब्द अपनी संपूर्णता में संवेदनशीलता से कोसों दूर जान पड़ता है।
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[145] कुछ स्थलों पर श्रद्धा शब्द के दो भाग (श्रत् एवं धा) बिना किसी अर्थ परिवर्तन के पृथक्-पृथक् रखे गये हैं।
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वे कहते हैं कि वे “प्रतिस्थापन” द्वारा संबंधित हैं जहाँ अर्थ परिवर्तन के लिए एक शब्द, वाक्यांश या प्रतीक के एवज में दूसरे प्रतिस्थापित किये जाते हैं.
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वे कहते हैं कि वे “प्रतिस्थापन” द्वारा संबंधित हैं जहाँ अर्थ परिवर्तन के लिए एक शब्द, वाक्यांश या प्रतीक के एवज में दूसरे प्रतिस्थापित किये जाते हैं.
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ये आधार हैं-अर्थ संवृद्धि, अर्थ संकोच, अर्थ परिवर्तन, क्रम परिवर्तन, पुनरुक् ति, विशेषण, काल परिवर्तन तथा लोकोक् तियाँ और मुहावरे.
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वे कहते हैं कि वे “ प्रतिस्थापन ” द्वारा संबंधित हैं जहाँ अर्थ परिवर्तन के लिए एक शब्द, वाक्यांश या प्रतीक के एवज में दूसरे प्रतिस्थापित किये जाते हैं.
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डॉ. मनीषा पाठक ने कहा कि व्याकरण और साहित्य के ज्ञान से ही संस्कृत भाषा का सही उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि केवल उच्चारण दोष से ही अर्थ परिवर्तन अवश्यंभावी है।