मनुष्यों को गीली मिट्टी से गढ़ने का उल्लेख अर्ध- धार्मिक और अर्ध-वैज्ञानिक प्रकृति का है, एक परी के द्वारा मिट्टी से आदम का गढा जाना अगर धार्मिकता के सन्दर्भ में स्वीकार किया जाए तो जल तत्व की मौजूदगी में मनुष्य के जन्म के वैज्ञानिक पहलू / समझ को भी नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता!
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मनुष्यों को गीली मिट्टी से गढ़ने का उल्लेख अर्ध-धार्मिक और अर्ध- वैज्ञानिक प्रकृति का है, एक परी के द्वारा मिट्टी से आदम का गढा जाना अगर धार्मिकता के सन्दर्भ में स्वीकार किया जाए तो जल तत्व की मौजूदगी में मनुष्य के जन्म के वैज्ञानिक पहलू / समझ को भी नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता!