और मुलायम सिंह जो की उनकी आँखों की चुभन का पर्याय बन गए थे, केन्द्र सरकार को सबसे नाज़ुक वक्त पर जब सरकार वाम दलों द्वारा समर्थन वापस ले लेने के कारण अल्प मत में आ गई थी, ने अपने दल का समर्थन उसको दे कर उसको संजीवनी बूटी का काम किया जिससे वह उसकी नज़रों में फ़िर से दोस्त बन गये और उनपर लगे सारे आरोप अब स्वतः ही अर्थहीन हो जायेंगे और वह बिना किसी कानूनी दावपेंच के आगे का वक्त गुजार लेंगे।