इस विषय को और अधिक स्पष्ट करने के लिए भागवत के बारहवें स्कन्द में नारद जी ने भगवान् नारायण से यही प्रश्र किया था कि आप कोई ऐसा उपाय बतायें, जिसे अल्प शक्ति के मनुष्य भी सहज में कर सकें और जिससे माता प्रसन्न होकर उनका कल्याण करे ; क्योंकि सभी देवताओं की साधना में प्राय: आचार-विचार, विधि-विधान, त्याग-तपस्या के कठिन नियम बतलाये गये हैं, जिनको सामान्य श्रेणी और थोड़ी विद्या-बुद्धि वाले व्यक्ति पूरा नहीं कर सकते।