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अवचार उदाहरण वाक्य

उदाहरण वाक्य
21.पुलिस के अनुसार जवाहर कॉलोनी परतापुर निवासी राहुल पुत्र महेश अवचार ने नरेश पुत्र लक्ष्मण भोई, विनोद पुत्र लक्ष्मण भोई निवासी जवाहर कॉलोनी परतापुर, वजेंग पाटीदार, संजय पुत्र नाथू भोई, अनिल पुत्र लालशंकर भोई, प्रदीप पुत्र मगन भोई सुरेश पुत्र जीतमल भोई आदि के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।

22.प्रमुख लोकायुक्त एल. सी. भादू ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह निर्विवाद तथ्य है कि जैसे-जैसे उद्योग, साधन संपन्नता, आर्थिक उन्नति में वृद्धि हुई है वैसे-वैसे भ्रष्टाचार, अवचार, प्रशासनिक अकर्मण्यता, भेदभाव, पक्षपात, पद का दुरुपयोग भी तेजी से बढ़े हैं।

23.आया अभियुक्त तरूणकुमार सोनी ने सहायक अभियन्ता, अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. नागौर के पद पर लोक सेवक की हैसियत से पदस्थापित रहते हुये परिवादी गोविन्दराम से मीटर लगाने की एवज में दिनांक 11-8-2000 को वैध पारिश्रमिक से भिन्न इनाम या हेतु के रूप में बतौर रिश्वत के रूप में अवैध रूप से 2000/-रूपये की मांग कर प्राप्त कर अपराधिक अवचार किया।

24. " आया अभियुक्त शिवनारायण ने भू-अभिलेख निरीक्षक, सिवाना के पद पर लोक सेवक की हैसियत से कार्य करते हुये परिवादी माधाराम से उसका निजी कुआ खसरा संख्या 198/4 में सरकारी जमीन नदी में खुदवाने के लिये पांच विस्वा भूमि लीज पर लेने के लिये आवेदन करने पर 1500/-रूपये रिश्वत राशि की मांग कर समदड़ी में हेतु या इनाम के रूप में भ्रष्ट एवं अवैध तरीके से प्राप्त कर आपराधिक अवचार किया?

25.जहां तक अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) (2) के अपराध का प्रश्न है, यह निर्विवाद है कि अभियुक्त ने उपर्युक्त राशि पटवार हलका, दूदाबेरी (जिला बाड़मेर) के पटवारी के पद पर रहते हुये एक लोक सेवक के रूप में भ्रष्ट एवं अवैध साधन से प्राप्त की है, इस कारण इसका यह कृत्य अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) (2) के अधीन भी आपराधिक अवचार (दुराचरण) की परिधि में आता है।

26.जहां तक अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) (2) के अपराध का प्रश्न है, यह निर्विवाद है कि अभियुक्त चौथाराम ने उपर्युक्त राशि तहसील शिव, जिला बाड़मेर में हलका पटवारी चेतरोड़ी के पद पर रहते हुये एक लोक सेवक के रूप में भ्रष्ट एवं अवैध साधन से प्राप्त की, इस कारण इसका यह कृत्य भी अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) (2) के अधीन आपराधिक अवचार (दुराचरण) की परिधि में आता है।

27.जहां तक अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) (2) के अधीन अपराध का प्रश्न है, अभियुक्त बाबूसिंह ने उपर्युक्त रिश्वत राशि एक लोक सेवक के रूप में शासकीय कार्य करने के लिये भ्रष्ट या अवैध साधन से प्राप्त की है, इस कारण उसका यह कृत्य धारा 13 (1) (डी) (2) के अधीन आपराधिक अवचार की परिधि में भी आता है, इस कारण इसे इस अपराध में भी दोषसिद्ध करार दिया जाना उचित है।

28.जहां तक अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) (2) के अपराध का प्रश्न है, यह निर्विवाद है कि अभियुक्त चन्दाराम ने उपर्युक्त राशि सहायक खनि अभियन्ता, बाड़मेर के कार्यालय में नाकेदार के पद पर रहते हुये एक लोक सेवक के रूप में भ्रष्ट एवं अवैध तरीका से प्राप्त की है, इस कारण इसका यह कृत्य अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) (2) के अधीन भी आपराधिक अवचार (दुराचरण) की परिधि में आता है।

29.इस न्यायालय के समक्ष निर्धारण हेतु प्रश्न यह है कि क्या प्रकरण के अभियुक्त हुकमसिंह ने हल्का पटवारी पावली एवं अतिरिक्त प्रभार हलका पटवारी दोरड़ा (तहसील भीनमाल) के लोक सेवक के पद पर रहते हुये अभियोगी छैलसिंह से उसके भाई देवीसिंह के खेत का म्यूटशन भरवाने के एवज में हेतु या इनाम के रूप में वैध पारिश्रमिक से भिन्न 2000/-रूपये रिश्वत की मांग कर दिनांक 11-10-2002 को यह राशि प्राप्त कर आपराधिक अवचार किया?

30.जहां तक अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) (2) का प्रश्न है, यह निर्विवाद है कि अभियुक्त हुकमसिंह ने उपर्युक्त रिश्वत राशि एक लोक सेवक के रूप में शासकीय कार्य करने के लिये भ्रष्ट या अवैध साधन से प्राप्त की है, इस कारण उसका यह कृत्य धारा 13 (1) (डी) (2) के अधीन आपराधिक अवचार की परिधि में भी आता है व इस प्रकार से इसे इस अपराध में भी दोषसिद्ध करार दिया जाना उचित है।

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