बोले ‘ देखो बापूजी ने कलंकीदेवाय बोला, वो टेप करके सुनायेंगे कि बापूजी ने कलंकी देवाय बोला मतलब कलंकी अवतार होना वाला है, बापूजी परीक्षा ले रहे हैं, चलो जलसा मनाओ ।
22.
अब अधिक विद्वान यह मानते हैं कि ईसा से तीन सौ वर्ष पूर्व वासुदेव कृष्ण विष्णु के अवतार माने जाने लगे थे और उनके अवतार होने की बात चलने के बाद, बाकी अवतार भी विष्णु के ही अवतार माने जाने लगे ; तथा उन्हीं दिनों राम का अवतार होना भी प्रचलित हो गया।
23.
गुरु के भावों में धनु और मीन राशि में यह युति धर्म और मोक्ष का रास्ता देती है, लेकिन मकर और वृश्चिक राशि में गुरु सूर्य की युति जातक के अन्दर ईश्वर अंश से अवतार होना तो मानते है लेकिन राज गद्दी के मोह के अन्दर वह सभी कुछ भूल जाता है और अपने खुद के ऐश्वर्य के लिये कार्य करने लगता है, जो दूसरों को देना था वह खुद ही खाने लगता है।
24.
रूप होना चाहिये, आकार होना चाहिये| हर अना, हर सोच का, आधार होना चाहिये|१| रंग-मस्ती-रोशनी, इसमें भला क्या कुछ नहीं| ज़िंदगी का नाम तो त्यौहार होना चाहिये|२| गर तना कमज़ोर हो तो, बढ़ नहीं पाता दरख़्त| फ़लसफ़ा तालीम का, दमदार होना चाहिये|३| भीड़ में शामिल रहे, पर भीड़ से हट कर दिखे| शख़्सियत का रंग, दर्ज़ेदार होना चाहिये|४| चेतना-संवेदना 'शापित-अहिल्या' बन गयीं| फिर से कोई 'राम' सा अवतार होना चाहिये|५| और कितनी मर्तबा इस बात को दोहराऊँ मैं| इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिये|६|
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रूप होना चाहिये, आकार होना चाहिये | हर अना, हर सोच का, आधार होना चाहिये | १ | रंग-मस्ती-रोशनी, इसमें भला क्या कुछ नहीं | ज़िंदगी का नाम तो त्यौहार होना चाहिये | २ | गर तना कमज़ोर हो तो, बढ़ नहीं पाता दरख़्त| फ़लसफ़ा तालीम का, दमदार होना चाहिये|३| भीड़ में शामिल रहे, पर भीड़ से हट कर दिखे| शख़्सियत का रंग, दर्ज़ेदार होना चाहिये|४| चेतना-संवेदना 'शापित-अहिल्या' बन गयीं| फिर से कोई 'राम' सा अवतार होना चाहिये|५| और कितनी मर्तबा इस बात को दोहराऊँ मैं| इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिये|६|